Hill Station In Madhya Pradesh, आज के इस आर्टिकल में हम बात कर रहे है मध्यप्रदेश के हिल स्टेशन के बारे में जिन्हें घूमने के लिए यहां कि सबसे पसंदीदा जगह के तौर पर जाना जाता हैं. मध्यप्रदेश भारत का केन्द्रीय प्रदेश है जिसकी वजह से यहां पर गर्मी, बारिश और सर्दी सभी मौसम कि भरमार होती हैं. गर्मी यहां पर काफि अधिक होती है इसलिए लोग अक्सर इन दिनों में घूमने के लिए किसी हिल स्टेशन पर जाना पसंद करते हैं. क्योंकि हिल स्टेशन पर शहर कि भाग दौड़ भरी जिंदगी से दूर शांति और पहाड़ों का सुंदर दृश्य नजर आते है.
हम आप लोगों को आज जिन शानदार हिल स्टेशन के बारे में बता रहे है उनके लिए यह जरूरी नहीं है कि आप गर्मी के दिनों में ही वहां पर जाएं. इन जगह पर आप वैसे तो साल में किसी भी मौसम में जा सकते हैं. लेकिन अक्सर Hill Station पर जाने का मन सच कहां जाए तो गर्मी के दिनों में ही होता हैं.
अनुक्रम
मध्यप्रदेश के 8 खूबसूरत हिल स्टेशन| Top Hill Station in mp
यदि आप मध्यप्रदेश या इसके आसपास के किसी भी राज्य के निवासी है. और आप अपने नजदीक में किसी अच्छे से हिल स्टेशन कि तलाश में है तो इस आर्टिकल में आपकी यह कमी पूरी होने वाली हैं.
इसलिए यह आर्टिकल पूरा पढ़िए क्योंकि इसमे मध्यप्रदेश के उन सभी खूबसूरत हिल स्टेशन के बारे में बताया गया हैं. यह लेख पढ़ने के बाद आपको किसी अन्य आर्टिकल कि तलाश में नहीं जाना होगा. तो आइए जानते है मध्यप्रदेश के इन खूबसूरत हिल स्टेशन/Hill Station In Madhya Pradesh के बारे में जानते हैं.
1.पचमढ़ी
यदि मध्यप्रदेश के सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन की बात करें तो सबसे पहला नाम पचमढ़ी का आता है. क्योंकि पचमढ़ी सतपुड़ा पर्वत की खूबसूरत वादियों में बसा हुआ है जो स्वयं सुंदरता की एक अद्भुत परिभाषा है. पचमढ़ी होशंगाबाद जिले में आता है जो जिले से लगभग 120 किलोमीटर की दूरी पर है.
ऐतिहासिक काल से ही पचमढ़ी मध्य प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी रही है. यहां के पहाड़ों की अतुलनीय सुंदरता और विहंगम नजरों की वजह से इसे पहाड़ों की रानी के नाम से भी जाना जाता है. पहाड़ों की रानी के नाम से पचमढ़ी को सिर्फ मध्यप्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष में जाना जाता है.पचमढ़ी मध्यप्रदेश में एक खूबसूरत हिल स्टेशन के अलावा धार्मिक नजरिएं से भी बेहद महत्वपूर्ण हैं.
जी हां क्योंकि यहां पर महाभारत काल के कई प्रमाण देखने को मिलते हैं. यहां पर पांड्व गुफा और शिव मंदिर के बारे में ऐसा कहां जाता है कि इनका निर्माण पांड्वों ने किया था. इसलिए इन जगहों पर पर्यटक घूमने फिरने के अलावा धार्मिक कार्य के लिए भी आते हैं.पचमढ़ी न सिर्फ आधुनिक काल में इतनी लोकप्रिय है बल्कि ऐतिहासिक समय से यह राजा महाराजाओं के लिए छुट्टियां बिताने के लिए सबसे अच्छी जगह रही हैं.
इसलिए यदि आप भी मध्यप्रदेश या इसके आसपास के राज्य के हैं और आप किसी खूबसूरत व शांति से भरपूर किसी अच्छे हिल स्टेशन कि तलाश में है तो आपको यहां जरूर जाना चाहिए.
पचमढ़ी कब जाएं?
वर्ष में किसी भी मौसम में जा सकते हैं.
पचमढ़ी में क्या प्रसिद्ध हैं?
पाड्व गुफा, बड़ा महादेव, धूपगढ़, वॉटर फॉल्स
पिपरिया से पचमढ़ी की दूरी
54 किलोमीटर
होशंगाबाद से पचमढ़ी की दूरी
120 किलोमीटर
2.अमरकंटक
अब हम आप लोगों को Hill Station In Madhya Pradesh या Mp Ke Hill Station में शामिल जिस मनमोहक और सुंदर जगह के बारे में बता रहे है वह अमरकंटक है जिसे हिन्दू धर्म में एक प्रमुख तीर्थ स्थान के तौर पर भी जाना जाता हैं. अमरकंटक विंध्य और सतपुड़ा पर्वत के संयोग से मिलकर बना हुआ एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन हैं.
अमरकंटक को मध्यप्रदेश में ही नहीं अपितु संपूर्ण भारत में मॉं नर्मदा और सोन नदि के उद्गम स्थान के लिए जाना जाता हैं. इसलिए हिन्दू धर्म के लोग यहां पर अधिक जाना पसंद करते हैं. उंचे उंचे महुआ के पेड़ और पहाड़ों का सुंदर नजारा धार्मिक प्रवृत्ति और प्रकृति प्रेमियों को यहां आने पर विवश कर देता हैं.यही वजह है कि अमरकंटक में सालभर आपको भीड़ भाड़ से भरा हुआ नजर आता हैं.
मेरी पहली अमरकंटक यात्रा के दौरान नर्मदा कुंड और दुधधारा मेरी सबसे पसंदीदा जगह रही हैं. अमरकंटक में नर्मदा कुंड वह जगह है जहां से नर्मदा नदी का उद्गम हुआ हैं. इसलिए यहां कि अपार सुंदरता को शब्दों में पिरोना शायद मेरे वस कि बात नहीं हैं.संपूर्ण अमरकंटक शहर पहाड़ो पर बसा हुआ है जिसकी वजह से यहां पर कई अतुलनिय औषधियां भी पाई जाती हैं. अमरकंटक में पहाड़ों, नदियो, तालाबों और झरनों के अतिरिक्त कई देवी देवताओं के प्राचीन मंदिर भी देखने को मिलते है. जिनका हमारे हिन्दू धर्म में भी बेहद अधिक महत्व माना जाता हैं.
अमरकंटक कब जाना चाहिए?
साल में किसी भी समय जा सकते हैं.
अमरकंटक कौन से जिले में स्थित है?
मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में
अमरकंटक से कितनी नदियां निकलती हैं?
तीन नदियां, नर्मदा नदी, सोन नदी और जोहिला नदी
Mp Ke Hill Station अमरकंटक में घूमने की जगह
नर्मदाकुंड, दूधधारा, कपिलधारा, सोनमुड़ा, मां की बगिया
3.ओंकारेश्वर
मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर नर्मदा नदी के बीच पहाड़ों पर बसा हुआ एक द्वीप हैं. जो भारत के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगओं में शामिल हैं. ऐतिहासिक काल में यह जगह भील जनजाति के लिए प्रसिद्ध मानी जाती थी लेकिन अब यह अपनी भव्यता और धार्मिकता के लिए जानी जाती हैं. चारों तरफ से नर्मदा नदी के घीरे हुए ओंकारेश्वर का मनमोहक नजारा सभी भक्त और पर्यटकों यहां आने पर मजबूर कर देता हैं.
पुराणों के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि ओंकारेश्वर का निर्माण नर्मदा नदी के द्वारा स्वत: ही हुआ हैं. वैसे यदि देखा जाएं तो ओंकारेश्वर कि कई धार्मिक और ऐतिहासिक विशेषताएं हैं. लेकिन इनमे से सबसे खास बात यह है कि यह संपूर्ण टापू हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र चिन्ह ॐ कि तरह दिखाई देता हैं. ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी के घाट पर सूर्य उदय और सूर्य अस्थ का मनोरम नजारा शांति और सूकून का अहसास कराता हैं.
यदि हम ओंकारेश्वर कि यात्रा के बारे में बता करें तो मुख्य रूप से दो मंदिर विशेष माने जाते है जिनमे ओंकारेश्वर और ममलेश्वर हैं. धार्मिक नजरिए से ओंकारेश्वर कि यात्रा तीन दिनों की मानी जाती हैं. प्रथम दिन की यात्रा कोटि-तीर्थ पर स्नान, दूसरे दिन ऑकार पर्वत की पंचक्रोशी परिक्रमा और तीसरे दिन नर्मदा पार करके विष्णुपुरी और ब्रह्मपुरी की यात्रा की जाती हैं. पहाड़ो पर बसा होने कि वजह से ओंकारेश्वर में साल भर मौसम बेहद ठंठा और सुहाना होता हैं. वर्षा के दिनों में एक तरफ यहां नर्मदा का जलस्तर बड़ जाता जिससे खूबसूरत नजारें बनते है तो वही गर्मी के दिनों में अन्य गर्म शहरों से दूर यहां पर ठंठक आभास होता हैं.
ओंकारेश्वर कहां हैं?
मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति कैसे हुई?
नर्मदा नदी के द्वारा स्वत: ही हुई हैं
ओंकारेश्वर क्यों प्रसिद्ध हैं?
हिन्दू धर्म के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंग में शामिल है इसलिए
ओंकारेश्वर दर्शन समय
प्रातः 04:30 बजे से प्रातः 05:00 बजे – मंगला आरती एवं नैवेध्य भोग प्रातः 05:00 बजे से मध्यान्ह 12:20 बजे – भगवान के मंगल दर्शन मध्यान्ह 12:20 बजे से मध्यान्ह 01:15 बजे – मध्यान्ह कालीन भोग मध्यान्ह 01:15 बजे से अपरान्ह 04:00 बजे – भगवान के मध्यान्ह दर्शन अपरान्ह 04:00 बजे से सायं 04:15 बजे – सायंकालीन श्रृंगार सायं 04:15 बजे से रात्रि 08:00 बजे – भगवान के श्रृंगार दर्शन रात्रि 08:30 बजे से रात्रि 09:00 बजे – शयन श्रृंगार एवं आरती रात्रि 09:00 बजे से रात्रि 09:30 बजे – भगवान के शयन श्रृंगार दर्शन |
ओंकारेश्वर विशेष दर्शन सुविधा– मंदिर परिसर में एक विशेष दर्शन द्वार बनाया गया है. काउंटर से रसीद प्राप्त कर इस सुविधा का लाभ लिया जा सकता है. ऑनलाइन दर्शन बुकिंग के लिए यहां क्लिक करें.
4.शिवपुरी
मध्यप्रदेश में प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक विरासतों का भंडार भरा हैं. हम आपको Hill Station In Madhya Pradesh में शामिल ऐसे ही एक खूबसूरत पर्यटन स्थल शिवपुरी के बारे में बता रहे है जिसका नाम भगवान शिव के नाम पर रखा गया हैं. शिवपुरी ग्वालियर संभाग से करीब 120 किलोमीटर कि दूरी पर पहाड़ो और घने जंगलो के बीच बसा हुआ हैं.
एक समय था जब शिवपुरी के जंगलो में राजा महाराजा शिकार करने के लिए जाया करते थे लेकिन अब सरकार ने इन्हें राष्ट्र अभ्यारण घोषित कर दिया हैं. इसलिए जंगल और वन्य जीवों से प्रेम करने वाले पर्यटक इन अभ्यारणों में वर्ष भर आते रहते हैं. शिवपूरी भी मध्यप्रदेश के उन हिल स्टेशन में शामिल है जहां पर आप साल में किसी भी समय जा सकते हैं. लेकिन बारिश के दिनों में यहां कि सुंदरता देखने लायक रहती हैं. क्योंकि वर्षा कि वजह से यहां पर कई विशाल झरने बहते है और पहाड़ों पर भी हरियाली झाई रहती हैं.
शिवपुरी उन हिल स्टेशन में शामिल है जिसकी प्राकतिक सुंदरता कि वजह से ऐतिहासिक काल से ही यहां पर राजा महाराजों का राज रहा हैं. यही वजह है कि आज भी यहां पर आपको कई पूराने महल देखने को मिलते है जो पर्यटको को हमेशा से लुभाते आए हैं. शिवपुरी में आपको जंगल कि खूबसूरती व प्राचीन महलों के अलावा कई धार्मिक स्थान भी देखने को मिलते है जो यहां कि खास पहचान भी माने जाते हैं.
यही वजह है कि शिवपुरी मध्यप्रदेश में पर्यटन के नजरिए से बेहद महत्वपुर्ण माना जाता हैं. इसलिए यहां पर आपको साल के सभी मौसम में पर्यटकों कि भरमार देखने को मिलती हैं. यदि आप भी शिवपुरी के आसपास निवास करते है और अभी तक आप यहां नहीं गए है तो एक बार जरूर यहां जाना चाहिए.
शिवपुरी का पुराना नाम क्या हैं?
सिपरी
शिवपुरी जाने का अच्छा समय
वैसे तो आप किसी भी मौसम में जा सकते हैं, लेकिन गर्मी और बारिश में यहां पर ज्यादा अच्छा लगता हैं.
शिवपुरी में घूमने की जगह
छतरी, माधव नेशनल पार्क, बाण गंगा धाम, भदैया कुंड, नगाड़ा घर
5.माण्डू
यदि हम Top Hill Station In Madhya Pradesh की बात करें और माण्डू के बारे में न बताएं तो यह आर्टिकल अधुरा रह सकता हैं. जी हां क्योंकि माण्डू विन्ध्याचल पर्वत शृंखला पर बसा हुआ न सिर्फ एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है बल्कि यह ऐतिहासिक समय में राजाओं कि नगरी भी रहा हैं. माण्डू प्राचीन काल में माण्डवगढ़ के नाम से जाना जाता था. यह मध्यप्रदेश के धार जिले में स्थित हैं जो धार शहर से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर हैं.
वर्तमान समय में माण्डू राज्य के सबसे पड़े पर्यटन स्थलों में शामिल हैं. क्योंकि यहां पर पर्वतों कि अपार सुंदरता के अलावा कई ऐतिहासिक धरोहरे भी देखने को मिलती हैं. माण्डू में पूराने राजा महाराजाओं के द्वारा बनाए गए जहाज महल, हिन्डोला महल, दरवाजे और रानी रूपमती महल जैसे वास्तुकला से जुड़ी हुई चीजे देखने और समझने को मिलती हैं. इसलिए माण्डू कि लोकप्रियता लगातार बड़ती जा रही है जिसकी वजह से यहां पर अक्सर पर्यटको और वास्तुकला प्रेमी आते रहते हैं.
वैसे तो किसी भी हिल स्टेशन पर अक्सर लोग गर्मी के दिनों में घूमना पसंद करते हैं. लेकिन माण्डू उन खास हिल स्टेशन में शामिल है जहां पर आप गर्मी के अलावा बारिश व सर्दियों में भी जा सकते हैं. पहाड़ी पर वसा होने कि वजह से सर्दी के दिनों में माण्डू कि ऐतिहासिक विरासते कोहरे कि चादर ओड़ लेती है और यही खूबसूरत नजरा आपको किसी परी कथा के शहरों कि तरह लगता हैं.
माण्डू कब जाएं?
किसी भी मौसम में खासकर बारिश और सर्दियों में
माण्डू में क्या प्रसिद्ध हैं?
रानी रूपमती महल और जहाज महल
माण्डू का पुराना नाम क्या हैं?
माण्डवगढ़
रानी रूपमती महल किसने बनवाया था?
अफगान सुल्तान बाज बहादुर खान
माण्डू का मुख्य त्यौहार
प्रति वर्ष माण्डू उत्सव
6.तामिया
अब हम आपको मध्यप्रदेश में मिनी पचमढ़ी के नाम से मशहूर तामिया के बारे में बता रहा हूँ जो कि एक खूबसूरत हिल स्टेशन हैं. तामिया मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बसा हुआ एक छोटा सा गॉव है जो पहाड़ो और जंगलो क बीच मौजूद हैं. यहां का शांत वातावरण और प्रकृति की मोहक सुंदरता ही इसकी विशेष पहचान मानी जाती हैं. तामिया में जलाशयो का अपार भंडार है जिसकी वजह यहां पर वर्षभर हरियाली छाई रहती हैं. यही वजह है कि पहाड़ो और प्रकृतिक प्रेमी इस जगह पर आना काफि पसंद करते हैं.
ऐसा बताया जाता है कि ब्रिटिश काल के दौरान तामिया को मध्यप्रदेश का पहला हिल स्टेशन घोषित किया गया था. यहां पर प्रसिद्ध तामिया जलाशय है जो गॉव से कुछ ही दूरी पर हैं. तामिया जलाशय के निकट आपको कई दुर्लभ पेड़ पौधे और वनस्पतिया भी देखने को मिलती हैं. तामिला हिल स्टेशन से कुछ ही दूरी पर पातालकोट घाटी है जहां पर गौंड और भारिया जाति के लोग निवास करते हैं.
यह घाटी पहाड़ो के बीच बनी हुई है जिसकी वजह से यहां पर दिन में सिर्फ 6 घंटे ही रोशनी मिलती हैं. यहां के लोग शहर के अन्य लोगों कि तरह बहुत ही कम चीजों में अपनी जिंदगी गुजर बसर करते हैं. यदि आप किसी खास हिल स्टेशन पर जाने के साथ एडवेंचर का मज़ा लेना चाहते है तो सच में आपको तामिया एक बार जरूर जाना चाहिए.
तामिया कब जाएं?
किसी भी मौसम में जा सकते हैं.
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7.मकड़ाई हिल्स
हम आप लोगों को अब जिस खास हिल स्टेशन के बारे में बता रहे है उसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं. जी हां हम आपको मध्यप्रदेश के एक छोटे से जिले हरदा के मशहूर पर्यटन स्थल मकड़ाई हिल्स के बारे में बता रहे है. यह सतपुड़ा पर्वतों से मिलकर बना हुआ एक रमणीय स्थल है जो अपनी नेसर्गिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं.
मकड़ाई हिल्स सतपुड़ा के पहाड़ पर बना एक टापू है जिसके दक्षिण से बहती हुई स्यामी नदी यहां कि खूबसूरती में चार चाँद लगाती हैं. इस टापू पर यहां के महाराजा टोडर शाह के द्वारा बनाया गया एक प्राचीन किला और राम मंदिर है जो यहां के मुख्य आकृर्षण कि वजह हैं. मकड़ाई फोर्ट और राम मंदिर के अलावा इस टापू के दूसरी पहाड़ी पर एक शिव मंदिर भी है जहां पर ट्रैकिंग कर जाना होता हैं.
इस हिल स्टेशन कि खास बात यह है कि यहां पर आप सिर्फ बारिश और सर्दियों के मौसम में ही जा सकते हैं. क्योंकि इस समय स्यामी नदी में पानी कि भरमार होती है जिसकी वजह से यहां का नजारा बेहद सुंदर लगता हैं. इसलिए यहां पर दूर दूर से लोग स्नान करने और पार्टी करने के लिए आना पसंद करते हैं.
मेरे अनुसार यदि आप इस जगह कि अपार सुंदरता देखना चाहते है और मौज मस्ती करना चाहते है तो आपको यहां पर खास कर बारिश के दिनों में ही जाना चाहिए. मकड़ाई हिल्स के आसपास ऊचे ऊचे पहाड़ और घने जंगल है जो सुकून और शांति का आभास कराते हैं. यहां कि लोकप्रियता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है कि बारिश के दिनों में यहां पर आसपास और दूरदराज के हजारों लोग आते हैं.
मकड़ाई फोर्ट जाने का सबसे अच्छा समय
जुलाई से अक्टूबर
मकड़ाई हिल्स कैसे जाए?
यह हरदा जिले से करीब 35 किलोमीटर कि दूरी पर सिराली तहसील में हैं. यहां पर जाने के लिए हरदा शहर से कार और टैक्सी मिल जाती हैं.
मकड़ाई का त्यौहार
प्रतिवर्ष भुआड़ा उत्सव
8.कुकरू खामला
Top Hill Station In Madhya Pradesh में कुकरू खामला का अपना एक अलग ही स्थान हैं. क्योंकि यह हिल स्टेशन अपनी सुरम्यवादियों के अलावा यहां के चाय के बगानों कि वजह से भी बेहद प्रसिद्ध हैं. कुकरू खामला मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में सतपुड़ा पर्वतों से घिरा हुआ एक पहाड़ी क्षेत्र हैं जो जिला मुख्यालय से करीब 90 किलोमीटर कि दूरी पर मौजूद हैं.
कुकरू बैतूल जिले कि सबसे उंची पहाड़ी पर स्थापित है जिसकी वजह से यहां पर बारिश में कर झरने और नदियों का सुंदर नजारा देखने को मिलता हैं. इस पहाड़ी क्षेत्र में मुख्य रूप से कोरकु जाति के लोग निवास करते है जिसकी वजह से इसका नाम कुकरू रखा गया हैं. जिस तरह से होशंगाबाद जिले का सबसे बड़ा हिल स्टेशन पचमढ़ी है ठीक उसी तरह कुकरू खामला बैतूल जिले का हिल स्टेशन हैं.
अन्य सभी हिल स्टेशन कि तरह कुकरू में आपको सूर्य उदय और सूर्य अस्त का नजारा बेहद सुहाना लगता हैं. कुकरू में चाय और काफि के बगान के अलावा इसके आसपास घने जंगल और उंचे उंचे पहाड़ का शानदार नजारा सभी लोगों को अपनी ओर मोहित करता हैं.
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>पहलगाम कैसे जाएं, कब जाएं और घूमने की जगह
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