Top 11 Ujjain Tourist Places in Hindi

महाकाल की नगरी उज्जैन में आप सभी लोगों का हृदय से अभिनंदन है. यदि आप लोग उज्जैन आ चुके हैं या आप उज्जैन आना चाहते हैं और इसलिए आप Ujjain Tourist Places की तलाश कर रहे हैं तो यकीनन आप सही जगह पर आए हैं.

इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद में आपको यह यकीन से कह सकता हूं कि, आपको उज्जैन के पर्यटन स्थल या उज्जैन में घूमने की जगह के बारे में जानने के लिए किसी अन्य प्लेटफार्म पर जाने की जरूरत नहीं होगी. क्योंकि इस आर्टिकल में हम उन सभी चीजों को सम्मिलित करने वाले हैं जो उज्जैन के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल माने जाते हैं.

अनुक्रम​

उज्जैन के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल| Ujjain Tourist Places in Hindi

उज्जैन भारतवर्ष के सबसे प्राचीन नगर में शामिल हैं और यही वजह है कि इसका उल्लेख कई पौराणिक ग्रंथों में पढ़ने को और सुनने को मिलता है. यहां पर महाकाल यानी भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है जो भारत के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंग में शामिल है. ऐसा माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान निकलने वाले अमृत की कुछ बूंदे यहां पर गिरी थी. जिसकी वजह से संपूर्ण उज्जैन को एक धार्मिक तीर्थ स्थान के तौर पर भी जाना जाता है.

शिप्रा नदी के घाट पर बसी हुई उज्जैन नगरी राजा विक्रमादित्य और कालिदास की नगरी के रूप में भी जाना जाता है. इसलिए यहां पर धार्मिक और ऐतिहासिक सभी तरह के पर्यटन स्थल है. तो आइए जानते हैं उज्जैन के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल या places to visit in ujjain के बारे में.

1. महाकालेश्वर मंदिर​- Ujjain Tourist Place

उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर ना सिर्फ एक पर्यटन स्थल है बल्कि यह धर्म और आस्था का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है. उज्जैन जाने वाले पर्यटक व लोगों की सबसे पहली पसंद महाकाल के दर्शन करना होता है. महाकाल के मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि, समुद्र मंथन के दौरान जब राक्षस अमृत कलश लेकर भाग रहे थे तब उसकी कुछ बूंदे यहां पर गिरी थी. जिसके फलस्वरूप यहां पर शिवलिंग का निर्माण हुआ था. यही वजह है कि इसे हिंदू धर्म के प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल किया गया है.

कई पौराणिक ग्रंथों में इस बात का वर्णन मिलता है कि जो व्यक्ति महाकाल के दर्शन करता है उसकी कभी अकाल मृत्यु नहीं होती है. उज्जैन के मुख्य रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर पेड़ से 2 किलोमीटर की दूरी पर है. जहां पर जाने के लिए कार और टैक्सी दिन में किसी भी समय मिल जाते हैं. महाशिवरात्रि यहां का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है. इसलिए प्रतिवर्ष महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि के पर्व को बेहद उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है.

इस दिन संपूर्ण मंदिर को फूलों और लाइट की जगमगाती रोशनी के साथ सजाया जाता है. इसके अलावा यहां पर कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जाता है. वैसे तो महाकालेश्वर मंदिर आप किसी भी समय जा सकते हैं. लेकिन महाशिवरात्रि के पर्व पर महाकाल के दर्शन करना बेहद लाभकारी मनाया जाता है.

उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकालेश्वर मंदिर की दूरी

करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर​

महाकालेश्वर क्यों प्रसिद्ध हैं?

ज्योर्तिंलिंग की वजह से

महाकालेश्वर उज्जैन दर्शन का समय​

रात्रि 03:00 बजे से रात्रि 11:00 बजे तक​

महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती बुकिंग कैसे करें

ऑनलाइन बुकिंग के लिए इस Website पर क्लिक करें

2. क्षिप्रा घाट- Ujjain famous place

संपूर्ण उज्जैन नगरी क्षिप्रा नदी के किनारे पर बची हुई है जो इसकी सुंदरता में बेहद अहम भूमिका निभाती है. क्षिप्रा नदी और महाकालेश्वर मंदिर के बिना उज्जैन नगरी की कल्पना नहीं की जा सकती है. क्षिप्रा नदी के घाट धार्मिक रूप से बेहद अधिक महत्व रखते हैं.

उज्जैन में क्षिप्रा नदी के इन घाटों को सीडी नुमा करके पक्का बनाया गया है. क्योंकि प्रत्येक 12 वर्ष में यहां पर विशाल कुंभ के मेले का आयोजन किया जाता है. जिस समय क्षिप्रा नदी के इन घाटों की सुंदरता देखने योग्य रहती है. क्योंकि इस सिंहस्थ में आने वाले लाखों लोग श्रद्धा भाग से यहां पर डुबकी लगाते हैं. कुंभ के मेले के दौरान ही यदि पूरी उज्जैन नगरी में सबसे ज्यादा यदि कहीं पर चकाचौंध और रौनक देखने को मिलती है तो वह क्षिप्रा नदी के घाट पर ही मिलती हैं.

क्षिप्रा नदी के घाट की अपार सुंदरता के अलावा यहां पर आपको कई अन्य देवी-देवताओं के छोटे बड़े ऐतिहासिक मंदिर भी देखने को मिलते हैं. जिसकी वजह से यह संपूर्ण घाट किसी देवभूमि सा प्रतीत होता है. क्षिप्रा नदी के घाट की सुंदरता का अवलोकन करने के लिए आप सिंहस्त के अलावा आप किसी भी अन्य धार्मिक त्यौहार पर यहां जा सकते हैं.

3. भर्तृहरि गुफा – places to visit in ujjain

Ujjain Tourist Places में भर्तृहरि गुफाओं का अपना एक अलग ही महत्व है. क्योंकि इन गुफाओं का इतिहास हमेशा से बेहद पुराना और रोचक रहा है. गुफाओं के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यहां पर उज्जैन के राजा भर्तृहरि ने अपनी पत्नी पिंगला से मिले धोके के बाद यहां पर 12 वर्षों तक तपस्या की थी.

यह गुफा एक छोटी सी पहाड़ी पर पत्थरों से मिलकर बनी हुई है.भर्तृहरि गुफा उज्जैन में महाकाल मंदिर से तकरीबन 5 किलोमीटर की दूरी पर शिप्रा नदी के किनारे पर मौजूद है. वैसे यहां पर देखने के लिए दो गुफाएं हैं, एक गुफा जमीन के नीचे है जहां पर जाने का रास्ता बेहद सकरा है वहीं दूसरी गुफा में शिवलिंग स्थापित है. गुफा तक पहुंचने के लिए खेतों के बीच से होकर पक्के रास्ते से गुजर ना होता है.

शरद ऋतु में खेतों की हरियाली की वजह से इसके आसपास का वातावरण भी बेहद खूबसूरत लगता है.भर्तृहरि गुफा तक जाने के लिए उज्जैन व महाकालेश्वर मंदिर से कार,टैक्सी सभी तरह के साधन मिलते हैं.

यदि आप अपने पर्सनल साधन से भी यहां पर जाते हैं तो पार्किंग के लिए यहां पर तमाम तरह की सुविधाएं मौजूद हैं.

4. गोपाल मंदिर – Ujjain famous place

गोपाल मंदिर को द्वारकाधीश गोपाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यह उज्जैन नगरी में महाकालेश्वर मंदिर के बाद दूसरा सबसे बड़ा मंदिर हैं. यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण यानी गोपाल जी को समर्पित है. लगभग 200 साल से अधिक पुराना यह मंदिर उज्जैन में शहर के बीचो बीच में स्थापित है.

इस मंदिर की बनावट और वास्तुकला बेहद ही अद्भुत है जिसकी वजह से यह मंदिर काफी सुंदर दिखाई देता है. लेकिन इस मंदिर के चारों तरफ दुकानें और बिल्डिंग होने की वजह से इसकी सुंदरता काफी हद तक ढक जाती है. वैसे देखा जाए तो यह संपूर्ण मंदिर और इसके आसपास का वातावरण यहां के प्रमुख आकर्षण में शामिल है. परंतु मंदिर के अंदर बने हुए चांदी के विशाल गेट लोगों को अपनी ओर ज्यादा आकर्षित करते हैं.

चांदी के इन गेटों पर बेहतरीन नक्काशी और डिजाइन उतारी गई है जो की सुंदरता को और अधिक बढ़ाते हैं. मंदिर में जन्माष्टमी के पर्व को बहुत ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है. इसलिए यहां पर आने वाले श्रद्धालु और भक्त लोगों को मंदिर की ओर से कई तरह की सुविधाएं प्रदान की जाती है. मंदिर में भगवान द्वारिकाधीश के अलावा शंकर जी, पार्वती जी और गरुड़ भगवान की मूर्ति भी नजर आती है जो बेहद सुंदर है.

5. श्री बडे गणेश मंदिर – Ujjain places to visit

जैसा कि हम आप लोगों को पहले बता चुके हैं कि उज्जैन देवों की नगरी है और एक धार्मिक तीर्थ स्थान भी है. यही वजह है कि यहां पर ज्यादातर आप लोगों को धार्मिक पर्यटन ही देखने को मिलते हैं. जब मै सिंहस्थ के दौरान पहली बार उज्जैन गया था तो महाकालेश्वर मंदिर के बाद बड़े गणेश मंदिर के दर्शन करने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ.

इस मंदिर की भव्यता के बारे में पहले भी मैं कई बार सुन चुका था और यही वजह रही कि यहां पर आने के लिए मैं अपने आप को रोक नहीं सका. यह मंदिर महाकालेश्वर मंदिर से कुछ ही दूरी पर हरी सिद्धि मार्ग पर स्थापित है. मंदिर में भगवान गणेश जी की बहुत बड़ी मूर्ति विराजमान है और इसलिए इसे बड़े गणेश मंदिर के नाम से जाना जाता है.

उज्जैन नगरी की महिलाएं यहां के गणेश जी को भाई के रूप में मानती है और रक्षाबंधन के पर्व पर मंदिर में राखी अर्पित करती है. यहां पर मंदिर में गणेश जी की विशाल प्रतिमा के अतिरिक्त हनुमान जी, कृष्ण यशोदा व नवग्रह मंदिर भी देखने योग्य है.

धर्म और आस्था को समर्पित इस मंदिर में गणेश चतुर्थी के पर्व को भी बेहद उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है, जिसमें ना सिर्फ स्थानीय लोग बल्कि आसपास के अन्य राज्यों के भक्त व पर्यटक भी शामिल होते हैं.

6. हरसिद्धि

उज्जैन में हरसिद्धि का मंदिर महाराजा विक्रमादित्य के काल से जुड़ा हुआ है. हरसिद्धि मंदिर उज्जैन के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है जो रूद्र सागर तालाब के किनारे पर स्थापित है. इस मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर में राजा विक्रमादित्य प्रतिदिन पूजा अर्चना किया करते थे.

रूद्र सागर तालाब की वजह से मंदिर और इसके आसपास का वातावरण भी बेहद शांत और मनोरम लगता है. कुछ प्राचीन ग्रंथों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि दक्ष यज्ञ के पश्चात इस स्थान पर सती की कोहनी गिरी थी. तभी से यहां पर हरसिद्धि के रूप में माता सती की पूजा अर्चना की जाती है.

वैसे यदि आप चाहें तो यहां पर साल में किसी भी दिन जा सकते हैं किंतु नवरात्रि के पावन अवसर पर रोशनी से जगमगाता हुआ यहां का वातावरण देखने योग्य रहता है.

7. मंगलनाथ मंदिर

उज्जैन रेलवे स्टेशन से सिर्फ 5 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद मंगलनाथ मंदिर उज्जैन के प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल में शामिल हैं. उज्जैन में मंगलनाथ मंदिर का जन्म स्थान होने की वजह से के प्राचीन काल में मंगल की जननी के नाम से भी जाना जाता था. जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है उन लोगों को जहां पर पूजा पाठ करने से बेहद लाभ प्राप्त होता है.

इसलिए यहां पर प्रत्येक मंगलवार को लोगों का जमावड़ा रहता है. वैसे तो संपूर्ण भारत में मंगलनाथ के कई प्रसिद्ध मंदिर देखने को मिल जाते हैं लेकिन उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर की अपनी एक अलग ही विशेषता है. दरअसल मंगलनाथ, भगवान शिव का ही एक रूप है. इसलिए मंदिर के अंदर भगवान मंगलनाथ की शिव रूपी प्रतिमा स्थापित है. इस मंदिर के इतिहास के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह सैकड़ों वर्ष पुराना है.

लेकिन इसका आधुनिक पुनर्निर्माण सिंधिया राजघराने के द्वारा किया गया था. तभी से इस मंदिर की लोकप्रियता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.

8. काल भैरव

भारत एक ऐसा देश है जहां पर धर्म और संस्कृति से जुड़े हुए कई चमत्कारी मंदिर देखने को मिलते हैं. हम आप लोगों को अब उज्जैन के ऐसे ही एक चमत्कारिक मंदिर काल भैरव के बारे में बता रहे हैं जिस के चर्चे पूरे भारत में हैं. जी हां भगवान भैरवनाथ को समर्पित यह मंदिर महाकाल मंदिर से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर है. जहां पर जाने के लिए उज्जैन में किसी भी जगह से बस, कार और टैक्सी सभी तरह के साधन मिल जाते हैं.

उज्जैन के काल भैरव का मंदिर भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर काल भैरव की मूर्ति पर मदिरा चढ़ाई जाती है. मंदिर में भगवान काल भैरव नाथ की प्रतिमा पर चढ़ाई जाने वाली शराब प्रतिमा के अंदर ही समा जाती है और इसका आज तक कोई पता नहीं लगा पाया कि यह मदिरा कहां जाते हैं.

मंदिर में भगवान भैरव नाथ की पूजा अर्चना में शामिल हो सकता कि सभी चीजें मंदिर के बाहर ही दुकानों पर मिल जाती है. उज्जैन जाने वाले पर्यटक या भक्तों के बारे में ऐसा कहा जाता है कि, जो भी महाकाल के दर्शन करने के पश्चात काल भैरव के दर्शन नहीं करता उसकी इस यात्रा को अधूरा माना जाता है. यही वजह है कि महाकाल के दर्शन करने के लोग काल भैरव के दर्शन करने के लिए यहां पर आते हैं.

9. गढकालिका देवी

उज्जैन नगरी में गढकालिका देवी के मंदिर का इतिहास बेहद अधिक पुराना बताया जाता है. कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि यह मंदिर महाभारत काल के दौरान का है. लेकिन मंदिर में स्थापित मां काली जी की मूर्ति सतयुग के समय की है. महान कवि कालिदास मां काली के बहुत बड़े उपासक थे और इस मंदिर में पूजा अर्चना करने के पश्चात ही उनके व्यक्तित्व का विकास हुआ था.

कालिदास जयंती पर प्रतिवर्ष इस मंदिर में भक्ति और भावना के साथ मां काली की आराधना की जाती है. वैसे तो यह मंदिर संपूर्ण उज्जैन में अपनी भव्यता और चमत्कारी शक्तियों के लिए जाना जाता है. लेकिन इसके अलावा यह नवरात्रि पर लगने वाले विशाल मेले के लिए भी बेहद प्रसिद्ध है. इसके अलावा यहां पर कई धार्मिक त्योहारों पर बड़े-बड़े उत्सव और विशाल यज्ञ का आयोजन किया जाता है.

गढकालिका देवी की प्रसिद्धि और लोकप्रियता का यह आलम है कि, प्रतिदिन यहां पर हजारों लोग मां काली के दर्शन के लिए आते हैं. यदि आप यहां की भव्यता और चकाचौंध देखना चाहते हैं तो, यहां पर आपको नवरात्रि के पर्व पर अवश्य जाना चाहिए.

10. कालियादेह महल

हम आप लोगों को अब उज्जैन नगरी में प्राकृतिक सौंदर्य के रूप में प्रसिद्ध ऐतिहासिक जगह कालियादेह महल के बारे में बता रहे हैं. जिसे ऐतिहासिक दौर में ब्रह्म कुंड के नाम से भी जाना जाता रहा है.कालियादेह महल उज्जैन शहर से तकरीबन 10 किलोमीटर की दूरी पर शिप्रा नदी पर एक द्वीप के रूप में मौजूद है. परंतु वर्तमान में यह रखरखाव के अभाव की वजह से काफी हद तक खंडहर में बदल चुका है.

इस महल के किनारे छोटे-बड़े कई कुंड बने हुए हैं जिनमें पहले स्नान किया करते थे. अब इन कुंड को 52 कुंड के नाम से जाना जाता है. पत्थरों से बने हुए यह कुंड एक दूसरे से जुड़े हुए हैं जिसकी वजह से इनका पानी एक कुंड से दूसरे कुंड में जाता रहता है.

चुंकि यह जगह शिप्रा नदी पर द्वीप के रूप में है जिसकी वजह से यहां पर वर्ष भर नमी और हरियाली देखने को मिलती है. लेकिन बरसात के दिनों में यहां का वातावरण कुछ अलग ही दिखाई पड़ता है. क्योंकि इस समय क्षिप्रा नदी का जलस्तर काफी हद तक बढ़ जाता है जिसकी वजह से यह जगह किसी आईलैंड का समान प्रतीत होती है.

यदि आप उज्जैन या इसके आसपास के निवासी हैं और पिकनिक स्पॉट के लिए किसी अच्छी सी जगह की तलाश में है तो आप लोगों को यहां पर जरूर जाना चाहिए.

यह भी पढ़े:-
Zomato delivery app से पैसे कैसे कमाएं?
6G क्या हैं? और यह कब तक आएगा?

7 मंदसौर के खूबसूरत पर्यटन स्थल​|
ग्वालियर में घूमने की टॉप 9 जगह​|

10 Best Fantastic Fitness Apps For Android (Free)
इंदौर में घूमने लायक 15 खूबसूरत जगह​|
भोपाल में घूमने की 10 जगह|
तमिल भाषा की 10 सबसे अधिक कमाने वाली फिल्में|
8 Best racing games for Android
Best Motivational Quotes In Hindi

11. उज्जैन का विशेष पर्व – सिंहस्थ कुम्भ

सिंहस्थ या कुंभ का मेला, उज्जैन नगर का सबसे बड़ा त्यौहार या पर्व माना जाता है. प्रत्येक 12 साल में लगने वाला यह मेला चैत्र माह की पूर्णिमा से शुरू होता है और वैशाख की पूर्णिमा पर अंतिम स्नान के साथ समाप्त होता है. व्यापक रूप से लगने वाले इस सिंहस्थ में सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशों के लाखों करोड़ों लोग शामिल होते हैं.

इस दौरान यहां पर आप लोगों को कई ज्ञानी और चमत्कारी साधु संतों का जमावड़ा देखने को मिलता है जो सिर्फ सिंहस्थ के दौरान ही देखने को मिलते हैं.संपूर्ण भारत में कुंभ का मेला उज्जैन के अतिरिक्त हरिद्वार, प्रयागराज और नासिक में लगता है.

यदि आपने अपने जीवन काल में अभी तक किसी कुंभ के मेले के दर्शन नहीं किया है तो आपको एक बार अवश्य करना चाहिए.

उज्जैन में सिंहस्थ कब लगा था?

साल 2016 में

उज्जैन सिंहस्थ मेला कब लगेगा

9 अप्रैल 2028 से 8 मई 2028 तक​

प्रत्येक 12 वर्ष में कुंभ मेला किस स्थान पर आयोजित किया जाता है

हरिद्वार​, नासिक, उज्जैन और प्रयागराज भी जगह पर 12 वर्ष में एक बार लगता हैं. चार वर्ष के पश्चात किसी एक जगह पर लगता हैं.

यदि आपको हमारा यह आर्टिकल उज्जैन के 11 प्रसिद्ध पर्यटन स्थल|Ujjain Tourist Places पसंद आया है तो आप हमें कमेंट कर बता सकते हैं. साथ ही इसे अन्य लोगों को भी शेयर करें, क्योंकि ज्ञान बाटने से ही बड़ता हैं……

(Visited 1,136 times, 1 visits today)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *